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प्रश्न: बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता के भारत के सामरिक और आर्थिक हितों पर पड़ने वाले प्रभाव का विश्लेषण कीजिए। ढाका में राजनीतिक परिवर्तनों के बावजूद भारत निरंतर सहयोग कैसे सुनिश्चित कर सकता है?

Analyze the impact of political stability in Bangladesh on India’s strategic and economic interests. How can India ensure continued cooperation despite political changes in Dhaka?

उत्तर: बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता भारत के सामरिक और आर्थिक हितों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सामरिक दृष्टि से यह सीमा सुरक्षा और आतंकवाद को नियंत्रित करती है, जबकि आर्थिक दृष्टि से व्यापार और निवेश के लिए अवसर प्रदान करती है। स्थिरता के अभाव में सीमा पर तनाव और क्षेत्रीय सहयोग कमजोर हो सकता है।

बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता के भारत पर प्रभाव

(1) सीमा सुरक्षा: बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा को प्रभावित करती है। सीमा पर अवैध प्रवास और तस्करी बढ़ने की संभावना होती है, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता खतरे में पड़ सकती है। भारत को सीमा प्रबंधन को मजबूत करना चाहिए।

(2) आर्थिक सहयोग: बांग्लादेश की स्थिरता द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती है। व्यापारिक बाधाएं और आर्थिक संकट अस्थिरता के समय बढ़ जाती हैं। भारत को स्थिर संबंध बनाए रखने के लिए आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा देना चाहिए।

(3) जल संसाधन साझेदारी: गंगा-ब्रह्मपुत्र जल बंटवारे जैसे जल संसाधन समझौते बांग्लादेश में स्थिरता पर निर्भर करते हैं। अस्थिरता के समय इन समझौतों पर विवाद उत्पन्न हो सकता है। जल संसाधन सहयोग को स्थायी बनाए रखना आवश्यक है।

(4) क्षेत्रीय स्थिरता: बांग्लादेश की स्थिरता दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देती है। अस्थिरता से क्षेत्रीय सहयोग में कमी आ सकती है। भारत को क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

(5) आतंकवाद नियंत्रण: बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता आतंकवाद और कट्टरपंथी ताकतों को नियंत्रित करने में सहायक है। अस्थिरता से आतंकवादी संगठनों की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। भारत को आतंकवाद विरोधी प्रयासों को बढ़ावा देना चाहिए।

भारत द्वारा निरंतर सहयोग सुनिश्चित करने के उपाय

(1) कूटनीतिक संवाद: भारत को बांग्लादेश के सभी राजनीतिक दलों के साथ संवाद बनाए रखना चाहिए। संवाद से विश्वास बढ़ता है और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करता है। भारत को उच्च स्तरीय राजनीतिक वार्ता में निरंतरता लानी होगी।

(2) आर्थिक निवेश: भारत को बांग्लादेश में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश बढ़ाना चाहिए। निवेश से बांग्लादेश की स्थिरता में सहयोग मिलता है। भारत को विकासशील परियोजनाओं के माध्यम से स्थिरता को बढ़ावा देना चाहिए।

(3) सांस्कृतिक संबंध: भारत को बांग्लादेश के साथ सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना चाहिए। इन संबंधों से द्विपक्षीय सहयोग मजबूत होता है। भारत को इन आदान-प्रदानों में अधिक निवेश करना चाहिए।

(4) सुरक्षा सहयोग: भारत को सीमा प्रबंधन और आतंकवाद विरोधी प्रयासों में बांग्लादेश के साथ सहयोग बढ़ाना चाहिए। सुरक्षा संबंध मजबूत होने से दोनों देशों को लाभ होता है। भारत को समन्वय बनाए रखने के लिए तंत्र विकसित करने चाहिए।

(5) बहुपक्षीय मंच: भारत को BIMSTEC और SAARC जैसे बहुपक्षीय मंचों के माध्यम से बांग्लादेश के साथ सहयोग बढ़ाना चाहिए। क्षेत्रीय स्थिरता के लिए यह बहुत आवश्यक है। भारत को इन मंचों पर अपनी उपस्थिति को सक्रिय बनाना चाहिए।

भारत के सामरिक और आर्थिक हितों के लिए बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता आवश्यक है। भारत को कूटनीति, आर्थिक निवेश और सांस्कृतिक संबंधों के माध्यम से निरंतर सहयोग बनाए रखना चाहिए। इससे न केवल भारत-बांग्लादेश संबंधों को बल मिलेगा, बल्कि दक्षिण एशिया की स्थिरता और शांति में भी योगदान होगा।

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