UPSC GS (Pre & Mains) Telegram Channel Join Now
UPSC History Optional Telegram Channel Join Now
5/5 - (1 vote)

प्रश्न: अमरावती बौद्ध धर्म और स्थापत्य कला के एक ऐतिहासिक केंद्र के रूप में विशेष स्थान रखता है। इसके सांस्कृतिक महत्व का आकलन कीजिए और पर्यटन व संरक्षण के लिए उपयुक्त रणनीतियां सुझाते हुए इसकी प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिए।

Amaravati holds a special position as a historical center of Buddhism and architecture. Assess its cultural significance and discuss its relevance, suggesting suitable strategies for tourism and conservation.

उत्तर: अमरावती, आंध्र प्रदेश में स्थित, बौद्ध धर्म और स्थापत्य कला का एक ऐतिहासिक केंद्र है। यहां का महान स्तूप और मूर्तिकला बौद्ध धर्म की शिक्षाओं और भारतीय कला का प्रतीक हैं। अमरावती का सांस्कृतिक महत्व भारतीय इतिहास में उसकी धार्मिक, सांस्कृतिक और कला धरोहर के लिए आज भी प्रासंगिक है।

अमरावती का सांस्कृतिक महत्व 

(1) बौद्ध धर्म का केंद्र: अमरावती बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र रहा है। यह स्थल बुद्ध के उपदेशों और धर्मचक्र प्रवर्तन की परंपरा का जीवंत प्रमाण प्रस्तुत करता है। यह बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल रहा है।

(2) मूर्तिकला की उत्कृष्टता: अमरावती की मूर्तिकला बौद्ध कथाओं और धार्मिक परंपराओं को कलात्मक रूप में अभिव्यक्त करती है। यह मूर्तियां धर्म और कला के उत्कृष्ट समन्वय का उदाहरण हैं, जो भारतीय कला की परंपरा का प्रतिनिधित्व करती हैं।

(3) स्थापत्य कला का योगदान: अमरावती का महान स्तूप, स्थापत्य कला और शिल्प कौशल का अद्वितीय उदाहरण है। इसकी स्थापत्य शैली भारतीय वास्तुशिल्प के उत्कर्ष और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। यह संरचना स्थापत्य कला में गहराई और संवेदनशीलता को उजागर करती है।

(4) धार्मिक आदान-प्रदान: अमरावती भारत और अन्य एशियाई देशों के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का केंद्र रहा है। यह स्थल भारत की सांस्कृतिक विविधता और वैश्विक संवाद को प्रोत्साहन देने का कार्य करता है।

(5) ऐतिहासिक धरोहर: अमरावती भारतीय इतिहास और संस्कृति की प्राचीनता और समृद्धता का प्रतीक है। यह स्थल हमें हमारे समृद्ध अतीत की झलक देता है और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का सन्देश देता है।

पर्यटन और संरक्षण की संभावनाएं 

(1) बौद्ध पर्यटन का विस्तार: अमरावती को अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन सर्किट में शामिल कर इसे वैश्विक मंच पर प्रचारित किया जा सकता है। इससे बौद्ध पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा और धार्मिक पर्यटन में वृद्धि होगी।

(2) स्थानीय आर्थिक विकास: अमरावती में पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर प्रदान किए जा सकते हैं। इससे क्षेत्रीय आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय जीवनस्तर बेहतर होगा।

(3) शैक्षिक अनुसंधान का प्रोत्साहन: अमरावती की कला, इतिहास और स्थापत्य शैली पर शोध को बढ़ावा देना चाहिए। इससे बौद्ध धर्म और भारतीय संस्कृति का व्यापक अध्ययन संभव हो सकेगा और जागरूकता को बल मिलेगा।

(4) संरक्षण प्रयास: अमरावती की पुरातात्विक धरोहर को आधुनिक तकनीकों से संरक्षित करना चाहिए। पुरातत्वीय स्थलों की मरम्मत, संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकारी और गैर-सरकारी सहयोग आवश्यक है।

(5) वैश्विक पहचान: अमरावती को एक सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करना चाहिए। यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पहचान दिलाने और सांस्कृतिक राजनय को बढ़ाने का कार्य करेगा।

अमरावती भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का अमूल्य हिस्सा है। इसके संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए। यह हमारे गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को संरक्षित करते हुए, पर्यटन और जागरूकता को बढ़ावा देगा।

"www.educationias.com" एक अनुभव आधारित पहल है जिसे राजेन्द्र मोहविया सर ने UPSC CSE की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से शुरू किया है। यह पहल विद्यार्थियों की समझ और विश्लेषणात्मक कौशल को बढ़ाने के लिए विभिन्न कोर्स प्रदान करती है। उदाहरण के लिए, सामान्य अध्ययन और इतिहास वैकल्पिक विषय से संबंधित टॉपिक वाइज मटेरियल, विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का मॉडल उत्तर, प्रीलिम्स और मेन्स टेस्ट सीरीज़, दैनिक उत्तर लेखन, मेंटरशिप, करंट अफेयर्स आदि, ताकि आप अपना IAS बनने का सपना साकार कर सकें।

Leave a Comment

Translate »
www.educationias.com
1
Hello Student
Hello 👋
Can we help you?
Call Now Button